बिहार सरकार के पशुपालन मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी को सबसे बड़ा झटका लगा है। वीआइपी के सभी तीन विधायक विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर बीजेपी में शामिल होने की जानकारी दी। आपको बता दें कि वीआइपी के पास निर्वाचित प्रतिनिधियों के तौर पर केवल यही तीन विधायक और एक विधान पार्षद मुकेश सहनी खुद है। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि बतौर विधान पार्षद सहनी का कार्यकाल कुछ ही हफ्तों में पूरा होने वाला है। इसके बाद वीआइपी का कोई भी विधायक या विधान पार्षद बिहार में नहीं बच जाएगा।
बताया जा रहा है कि मुकेश सहनी की पार्टी के तीनों विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल और सवर्णा सिंह भाजपा में शामिल हुए। वे अपने विधायक दल के भाजपा में विलय के लिए विधानसभा अध्यक्ष से मिले थे। मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी मौजूद थे। अब तक मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने वीआइपी के तीनों विधायकों के भाजपा में विलय को मान्यता दे दी है। हालांकि, इस मसले पर सहनी ने अनभिज्ञता जताई है। उन्होंने कहा कि मुझे विधायकों के बीजेपी में शामिल होने की अब तक जानकारी नहीं है।
वीआइपी के तीन विधायकों के भाजपा में विलय के साथ ही मुकेश सहनी की पार्टी का बिहार विधानसभा में अस्तित्व खत्म हो गया है। अब वीआइपी का प्रतिनिधित्व केवल बिहार विधान परिषद में ही शेष रह गया है। यह भी बस कुछ हफ्तों की बात है। खबर यह भी है कि सहनी अब धीरे-धीरे चिराग पासवान की राह पर चल रहे हैं। अब यह संभावना हकीकत के तौर पर देखी जा सकती है।
वीआइपी के प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि उनकी पार्टी निषाद आरक्षण की लड़ाई लड़ रही है। यह लड़ाई अमीर और गरीब की है। हमारे तीन विधायकों ने किसके इशारे पर ऐसा किया? उन्होंने क्यों ऐसा किया? जनता सब जानती है। उन्होंने कहा कि हमारे तीन विधायकों को तोड़ा गया है। हम 40 विधायकों के साथ लौटेंगे।