जब आईपीएल 2022 की शुरूआत हुई तो तभी से ऐसे अटकलें थीं कि इस बार कोई नई टीम चैंपियन के रूप में देखने को मिल सकती है। लखनऊ सुपरजायंट्स और गुजरात टाइटंस के जुड़ने से रोमांच काफी बढ़ा। लखनऊ का सफर एलिमिनेटर मुकाबले में हारकर ही खत्म हो गया, लेकिन हार्दिक पांड्या की कप्तानी में गुजरात ने पूरे सीजन में शुरू से ही दबदबा बनाते हुए फाइनल में राजस्थान राॅयल्स को 7 विकेट से हराकर आईपीएल 2022 की ट्राॅफी पर कब्जा कर लिया। गुजरात की टीम हर क्षेत्र में सफल दिखी। टीम ना सिर्फ बल्लेबाजों बल्कि गेंदबाजों से भी सजी थी। तो आइए जानें ऐसे क्या मुख्य कारण रहे, जिसके चलते गुजरात बना आईपीएल 2022 का चैंपियन
गैरी कर्स्टन का साथ मिलना
ये वो शख्स है, जिसकी सफलता का हर कोई गवाह है। साउथ अफ्रीका के पूर्व महान खिलाड़ी गैरी कर्स्टन ने बताैर बल्लेबाजी कोच गुजरात के लिए भूमिका निभाई। गैरी ने गुजरात के बैटिंग आर्डर को ना सिर्फ सही तरीके से शुरू से ही सेट कर दिया, बल्कि बल्लेबाजों को फ्री माइंड के साथ मैदान पर उतरने के लिए प्रेरित किया। इसका उदाहरण हार्दिक पांड्या दिखे, जो मैच की स्थिति के हिसाब से किसी भी नंबर पर खेलने उतरे, साथ ही रन बनाते भी दिखे। गैरी ने भारतीय टीम को भी 2011 वनडे विश्व कप बताैर कोच दिलाया था। ऐसे में गैरी जैसे महान कोच का गुजरात को साथ मिलना सोने पे सुहागा साबित हो गया।
हार्दिक का नजरिया बदलना
आईपीएल शुरू होने से पहले हार्दिक पांड्या चोटों के दाैर से गुजर रहे थे। वह ना सिर्फ राष्ट्रीय टीम से बाहर हुए, बल्कि गेंदबाजी भी नहीं कर सके। ऐसे में उनके ऊपर कई सवाल उठे, लेकिन ऑलराउंडर ने खुद के नजरिए को बदलते हुए आगे बढ़ने का फैसला किया। फ्रैंचाइजी ने जिस उद्देश्य के साथ पांड्या को जिम्मेदारी दी, उस पर वह खरे उतरे। पांड्या ने खुद को पहले एक बल्लेबाज के ताैर पर पेश करना चाहा। उनका गेम प्लान सेट था, जिसपर वह अंत तक कामय रहे। शुरूआती मैचों में उन्होंने गेंदबाजी नहीं की। उन्होंने खुद को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर लगाकर मध्यक्रम पर दवाब नहीं आने दिया। यहां तक कि वह बताैर ओपनर भी उतरे। हार्दिक का आत्मविश्वास ही था, जो टीम को एकजुट रख सका और बिना किसी दवाब के आगे ले जा सका।
हर मैच में अलग खिलाड़ी ने दिलाई जीत
इस सीजन में गुजरात फ्रैंचाइजी ने जो चीज सबसे अलग दिखाई, वो थी हर मैच में अगल विजेता दिख। गुजरात ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 8 मैच जीते हैं, जिसमें 7 मैच बेहद करीबी रहे हैं। इन सभी जीते मैचों में जीत का हीरो भी अलग दिखा। कुछ मैच राहुल तेवतिया ने आखिरी पलों में छक्का लगाकर जितवाए तो कुछ मैच राशिद खान ने तेज पारियां खेलकर बदले। वहीं ओपनर शुबमन गिल से बताैर ओपनर बड़ी पारियां भी निकली दिखीं। साहा ने भी बेहतरीन बल्लेबाजी की और गेंदबाजों ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। यह टीम किसी एक या दो खिलाड़ियों के भरोसे नहीं थी। सभी साथ मिलकर अच्छा खेले।