Thursday, November 14, 2024
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लापरवाह कार्यदायी संस्थाएं होंगी बाहर: धामी

जनहित से जुड़ी विकास योजनाओं के काम में लापरवाही और देरी करने वाली संस्थाओं को बाहर किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वाह्य सहायतित योजनाओं की समीक्षा करते हुए साफ किया कि योजनाओं का तय समय पर क्रियान्वयन कराया जाना विभागीय सचिवों और विभागाध्यक्षों की जिम्मेदारी होगी।

सचिवालय में योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि योजनाओं में समय सीमा का खास ख्याल रखा जाए। जनहित से जुड़े काम समय पर हो सकें, इसके लिए कार्यदायी संस्थाओं की सजगता से निगरानी की जाए। जो कार्यदायी संस्था कार्यों के प्रति उदासीन नजर आए, उस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें बाहर किया जाए। संचालित योजनाओं से जनता कितनी लाभान्वित हो रही है, इसका भी आकलन किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो परियोजनाएं केन्द्र स्तर पर गतिमान हैं, उनमें तेजी लाने को केन्द्र स्तर पर अच्छी तरह पैरवी हो सके, इसके लिए ऐसे प्रस्ताव रेजिडेंट कमिश्नर को भेजे जाएं। कार्यों की स्वीकृति जल्द मिल सके, इसके लिए विभागीय नोडल अधिकारी की व्यवस्था की जाए। केन्द्र सरकार के लिए जो भी प्रस्ताव बनाये जा रहे हैं, उनका गहनता से अध्ययन और परीक्षण करते हुए सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जाए।

योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में डेसबोर्ड और एसओपी तैयार की जाए, ताकि योजनाओं की मॉनिटरिंग सही ढंग से की जा सके।

धामी कहा कि टिहरी झील के आसपास के क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए। ताकि यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध हों। कहा कि इस बार बारिश और बर्फबारी की कमी के कारण जलापूर्ति की कमी को दूर करने को पेयजल एवं जलागम के क्षेत्र में भी कार्ययोजना योजना तैयार की जाएं। बैठक में राज्य अवस्थापना अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ. आर राजेश कुमार, नीरज खैरवाल, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, अपर सचिव युगल किशोर पंत मौजूद रहे।